Interjections, Onomatopées

विस्मयादिबोधकvismayādibodhaka

Définition

ये शब्द किसी को सूचना देने के लिए नहीं होते, बल्कि उद्गार व्यक्त करने के लिए स्वयं ही मुख से निकलते हैं।Ces mots ne sont pas destinés à fournir une information précise, mais ils sont émis spontanément pour exprimer des sentiments.
प्रकट होनेवाले भाव के आधार पर इनके ये भेद हैं-Ci-dessous quelques exemples selon le sentiment exprimé.

Étonnement

Douleur

Joie

Applaudissement

Rejet

Approbation

Étonnement

Dissuasion

Vocatif

Sympathie

अर्थानुरणनarthānuraṇana

Définition

विश्व की समस्त वस्तुओं को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जाता है-जड और चेतन। जड़ वे वस्तुएँ हैं जिनमें जीवन नहीं है। जैसे-पत्थर, चिता, झरना आदि। चेतन वे वस्तुएँ हैं जिनमें जीवन होता है। जैसे-मनुष्य, पक्षी, पशु आदि। इनमें से प्रत्येक की कुछ न कुछ ध्वनि अवश्य होती है जो एक वस्तु को दूसरे से अलग करती है। जैसे कहा जाए कि बिल्ली भौं-भौं करती है तो यह वाक्य गलत होगा। कुत्ता म्याँऊ-म्याऊँ नहीं करता, इसी प्रकार गाय दहाड़ती नहीं। भाषा-विज्ञान में इन शब्दों को अनुकरणवाचक शब्द भी कहा जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि भाषा का आरंभ भी इन्हीं शब्दों से हुआ। अतः इनके अंतर को जानना अत्यावश्यक है।

पक्षियों की ध्वनियाँ (cris d’oiseaux)

पशुओं की ध्वनियाँ (cris d’animaux)

कुछ जड़ पदार्थों की ध्वनियाँ (objets inanimés)